प्रधानमंत्री जन धन योजना वित्तीय समावेशन संबंधी राष्ट्रीय मिशन है, जिसमें देश के सभी परिवारों के व्यापक वित्तीय समावेशन के लिए एकीकृत दृष्टिकोण शामिल है| प्रारंभ में इस योजना में प्रत्येक परिवार के लिए कम से कम मूल बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने की अभीकल्पना गई थी लेकिन अब इस योजना का फोकस” प्रत्येक घर या परिवार की बजाय प्रत्येक वयस्क नागरिक” है|
प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत खोले गए खातों के लिए कोई न्यूनतम शेष राशि रखना आवश्यक नहीं है |इन खातों में जमा राशि पर ब्याज भी प्रदान किया जाता है| बैंक खाता धारक भारत में कहीं भी धन का आसानी से अंतरण कर सकता है|
प्रधानमंत्री जन धन योजना का उद्देश्य वंचित वर्गों जैसे कमजोर वर्ग को और कम आय वर्गों को विभिन्न वित्तीय सेवाएं जैसे मूल बचत बैंक खाते की उपलब्धता, आवश्यकता आधारित ऋण की उपलब्धता विप्रेसन सुविधा, बीमा तथा पेंशन उपलब्ध कराना आदि सुनिश्चित करना है| इसके अलावा लाभार्थियों को रुपए डेबिट कार्ड दिया जाता है|
प्रधानमंत्री जन धन योजना में सभी सरकारी लाभों के लाभार्थियों के खाते में प्रणालीकृत किए जाने तथा केंद्र सरकार की प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण( डीबीटी) योजना को आगे बढ़ाने की परिकल्पना की गई है| देश के युवाओं को भी इस मिशन पद्धति वाले कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रेरित करने के प्रयास किया जा रहे हैं|
सितंबर 2018 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री जन धन योजना को ओपन एंडेड योजना में बदलकर जारी रखने की मंजूरी दे दी है |इसके साथ ही इस योजना में कुछ बदलाव भी किए गए हैं जो निम्नलिखित है-
प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत खोले गए बैंक खातो की ओवरड्राफ्ट की सीमा को ₹5000 से बढ़ाकर दोगुना अर्थात ₹10000 कर दिया गया है|
इसके अलावा ₹2000 तक के किसी भी ओवरड्राफ्ट के लिए कोई शर्त नहीं होगी| इसके साथ ही ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठाने के लिए आयु सीमा 18 से 60 वर्ष को बढ़ाकर 18 से 65 वर्ष कर दिया गया है|
नए रुपए कार्ड धारकों( 28 अगस्त 2018 के बाद योजना के अंतर्गत खोले गए खातों) के लिए दुर्घटना बीमा कवर को ₹100000 से बढ़कर ₹200000 कर दिया गया है|